ब्लॉकचेन तकनीक कैसे काम करती है? 🔗💡

ब्लॉकचेन एक क्रांतिकारी तकनीक है जो आज सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी तक सीमित नहीं, बल्कि बैंकिंग, स्वास्थ्य, लॉजिस्टिक्स, वोटिंग जैसे कई क्षेत्रों में भरोसेमंद डाटा का आधार बन चुकी है।
🔍 ब्लॉकचेन क्या है?
ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर (खाता-बही) है जिसमें जानकारी को छोटे-छोटे ब्लॉक्स में रिकॉर्ड किया जाता है, और ये ब्लॉक्स एक-दूसरे से चेन के रूप में जुड़े होते हैं।
🛠️ ब्लॉकचेन कैसे काम करता है?
1. लेन-देन शुरू होता है (Transaction is Initiated):
कोई व्यक्ति कोई जानकारी या डिजिटल लेन-देन करता है (जैसे बिटकॉइन भेजना)।
2. लेन-देन की पुष्टि (Verification):
नेटवर्क के कंप्यूटर (nodes) उस जानकारी की वैधता को जांचते हैं।
3. ब्लॉक में जोड़ना (Block Creation):
सत्यापित जानकारी एक नए “ब्लॉक” में जोड़ी जाती है।
4. ब्लॉक का चेन से जुड़ना (Adding to Chain):
यह नया ब्लॉक पिछले ब्लॉक से जुड़ जाता है, और पूरी श्रृंखला में जोड़ दिया जाता है — इस प्रकार बनती है “ब्लॉकचेन”।
5. अस्थायी नहीं, स्थायी रिकॉर्ड (Immutable Record):
एक बार डाटा जुड़ गया, तो उसे बदला नहीं जा सकता। जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा बनी रहती है।
🔐 ब्लॉकचेन की प्रमुख विशेषताएं:
🔹 विकेंद्रीकृत (Decentralized):
कोई एक संस्था या सरकार इसे नियंत्रित नहीं करती।
🔹 पारदर्शी (Transparent):
हर लेन-देन सबके लिए दिखाई देता है, लेकिन सुरक्षित रहता है।
🔹 सुरक्षित (Secure):
क्रिप्टोग्राफी के जरिए डेटा को हैक करना लगभग असंभव होता है।
🔹 बदलाव रहित (Immutable):
एक बार दर्ज किया गया डाटा मिटाया या बदला नहीं जा सकता।
📦 ब्लॉकचेन का उपयोग कहां-कहां हो रहा है?
हेल्थ रिकॉर्ड्स मैनेजमेंट
क्रिप्टोकरेंसी (जैसे Bitcoin, Ethereum)
सप्लाई चेन ट्रैकिंग
डिजिटल वोटिंग सिस्टम
स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स