क्या खुशी ही जीवन का अंतिम लक्ष्य है? 🌼

जीवन का उद्देश्य अक्सर एक गूढ़ प्रश्न बना रहता है, लेकिन एक सवाल बार-बार उभरता है — क्या खुशी ही जीवन का अंतिम लक्ष्य है?

खुशी, यानी आनंद, संतोष और मन की शांति — हर इंसान इसे पाने की कोशिश करता है। हम पढ़ाई करते हैं, काम करते हैं, रिश्ते बनाते हैं, सपने देखते हैं — सब कुछ इस उम्मीद में कि अंततः हमें खुशी मिलेगी।

पर क्या सिर्फ खुशी ही सब कुछ है?

कुछ लोग मानते हैं कि जीवन का असली अर्थ कर्तव्य निभाने, मूल्य बनाए रखने और दूसरों के लिए कुछ करने में छिपा है। कई बार त्याग और संघर्ष भी सुख से ऊपर हो जाते हैं।

🔹 खुशी एक हिस्सा है, पूरा उद्देश्य नहीं।
🔹 जीवन का सार अनुभवों में, सीखने में और विकास में छिपा है।
🔹 खुशी तब गहरी होती है जब वह उद्देश्य और अर्थ से जुड़ी हो।

इसलिए कहा जा सकता है कि खुशी जीवन का महत्वपूर्ण लक्ष्य ज़रूर हो सकती है, लेकिन एकमात्र नहीं।

जीवन का अंतिम लक्ष्य शायद एक संतुलन है — खुशी, अर्थ और योगदान का।

आप क्या सोचते हैं — आपके जीवन का अंतिम उद्देश्य क्या है?

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